नाड़ी दोष का क्या परिहार है?
नाड़ी दोष परिहार १. विशाखा, अनुराधा, घनिष्ठा, रेवती, हस्त, स्वाती, आद्रा, पूर्वाभाद्रपद इन 8 नक्षत्रों में से किसी भी नक्षत्र में वर, कन्या या दोनों में से एक का ही जन्म हो तो विवाह शुभ होता है अर्थात नाड़ी दोष का परिहार हो जाता है।
षडाष्टक योग कैसे बनता है?
षडाष्टक योग एक प्रकार का भकूट दोष होता है। अर्थात जब दो राशियों के बीच की दूरी का संबंध 6-8 का हो जाता है तो यह षडाष्टक योग कहलाता है। गोचर में मंगल मिथुन राशि में रहेगा और गुरु वृश्चिक राशि में। इस प्रकार मंगल से गुरु छठा और गुरु से मंगल आठवां होने के कारण षडाष्टक योग बना है।
नवपंचम योग क्या है?
नवम पंचम योग का असर लोगों की जिंदगी पर भी पड़ता है। नवम योग भाग्य का स्थान है तो पंचम तेज दिमाग का और दोनों के योग बनना अपने आप में खास है। ये योग कई राशि वालों के लिए विशेष सौगात भी ला रहा है।